
What is the Operation Sindoor?|ऑपरेशन सिंदूर क्या-क्या कैसे हुआ?
आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई, सेना ने दी पूरी जानकारी
नई दिल्ली, 12 मई 2025: भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने आज एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए शुरू किया गया था। सेना ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी और इसका उद्देश्य भारत में होने वाले आतंकी हमलों को रोकना था। ऑपरेशन में किसी भी नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि और उद्देश्य
भारत, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी एक पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठन ने ली थी। इसके अलावा, 26/11 मुंबई हमले जैसे बड़े आतंकी हमलों के पीछे भी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों का हाथ रहा है।
इन हमलों के जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। सेना के अनुसार, इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को कमजोर करना था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना प्रमुख ने कहा, “हमारा लक्ष्य केवल आतंकवाद को खत्म करना है। हम शांति चाहते हैं, लेकिन अगर भारत की सुरक्षा को खतरा हुआ, तो हम चुप नहीं रहेंगे।”
ऑपरेशन का विवरण और परिणाम
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई 2025 को हुई, जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी शिविरों पर सटीक मिसाइल हमले किए। सेना ने बताया कि इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें 26/11 मुंबई हमले और पहलगाम हमले के कुछ प्रमुख साजिशकर्ता शामिल थे।
भारतीय सेना ने ऑपरेशन को अत्यंत सावधानी और तकनीकी दक्षता के साथ अंजाम दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किए गए सबूतों में सैटेलाइट तस्वीरें, ड्रोन फुटेज और हमलों की वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल थीं। इन सबूतों से यह स्पष्ट हुआ कि हमले केवल आतंकी ठिकानों पर किए गए और आसपास के नागरिक क्षेत्रों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
ऑपरेशन के दौरान भारत को भी नुकसान उठाना पड़ा। पांच भारतीय जवान शहीद हुए, जिनके बलिदान को सेना प्रमुख ने श्रद्धांजलि दी। दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना के 35-40 सैनिक मारे गए, जो आतंकी शिविरों की रक्षा में तैनात थे। भारतीय वायुसेना के किसी भी पायलट या फाइटर जेट को कोई नुकसान नहीं हुआ, और सभी पायलट सुरक्षित वापस लौटे।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत का जवाब
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश की। उसने तुर्की और चीन निर्मित ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत पर हमले का प्रयास किया। हालांकि, भारत के अत्याधुनिक S-400 डिफेंस सिस्टम ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया। एक भी मिसाइल या ड्रोन भारतीय सीमा में प्रवेश नहीं कर सका।
इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तानी वायुसेना के कुछ सैन्य ठिकानों पर सीमित हमले किए। इन हमलों से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ और वह दबाव में आ गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों और वीडियो में पाकिस्तानी सैनिक आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल दिखाई दिए, जिसे भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के सबूत के रूप में प्रस्तुत किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और युद्धविराम
पाकिस्तान ने भारत के जवाबी हमलों के बाद अमेरिका से मध्यस्थता की अपील की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट के जरिए भारत और पाकिस्तान से तनाव कम करने की अपील की। भारतीय सेना प्रमुख और पाकिस्तानी सेना के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसके बाद युद्धविराम की घोषणा की गई।
हालांकि, पाकिस्तान ने युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए ड्रोन हमले की कोशिश की, लेकिन भारत के डिफेंस सिस्टम ने इसे भी नाकाम कर दिया। भारतीय सेना ने इसे पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना हरकत करार दिया और चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी हरकतों का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
भारत का दृढ़ रुख
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना और सरकार ने एक स्वर में कहा कि भारत शांति का समर्थक है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान को यह समझना होगा कि आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा। अगर भारत पर कोई और हमला हुआ, तो हम और सख्त कार्रवाई करेंगे।”
सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर एक जवाबी कार्रवाई थी, जो भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी थी। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करे।
सबूत और पारदर्शिता
ऑपरेशन सिंदूर की विश्वसनीयता को साबित करने के लिए सेना ने कई सबूत पेश किए। इनमें आतंकी ठिकानों पर हमलों की तस्वीरें, वीडियो और खुफिया जानकारी शामिल थी। सेना ने यह भी बताया कि ऑपरेशन की योजन, ताकि यह सुनिश्चित हो कि केवल आतंकी ठिकाने नष्ट हों और नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
आगे की राह
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाया है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकी संगठनों के लिए एक चेतावनी है, बल्कि उन देशों के लिए भी एक संदेश है जो आतंकवाद को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन देते हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूरक का नाम ऑपरेशन सदूर हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दिया गया