UP SCHOOL CLOSED NEWS UPDATE |यूपी में स्कूल मर्जर का बढ़ता विरोध: बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा पर सवाल

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UP SCHOOL CLOSED NEWS UPDATE |यूपी में स्कूल मर्जर का बढ़ता विरोध: बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा पर सवाल

UP SCHOOL CLOSED NEWS UPDATE |यूपी में स्कूल मर्जर का बढ़ता विरोध: बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा पर सवाल-उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (School Merger) को लेकर जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। औरैया जिले के भदौरा गांव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Viral Video) हो रहा है, जिसमें मासूम बच्चे हाथ जोड़कर गुहार लगा रहे हैं कि उनके स्कूल को किसी अन्य स्कूल में मर्ज न किया जाए। बच्चों का कहना है कि प्रस्तावित स्कूल 2.5 से 3 किलोमीटर दूर है, और रास्ते में जंगल, यमुना नदी और जंगली जानवरों का खतरा है। छोटे बच्चों के लिए पैदल इतनी दूरी तय करना असंभव है। यह वीडियो 20 जून 2025 को वायरल हुआ और #SaveVillageSchools हैशटैग के साथ लोगों का ध्यान खींच रहा है।

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शिक्षक संगठन और विपक्षी दल, विशेषकर समाजवादी पार्टी, इस मर्जर नीति (Merger Policy) का कड़ा विरोध कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि स्कूल मर्जर से ग्रामीण बच्चों की शिक्षा (Rural Education) से दूरी बढ़ेगी, खासकर बेटियों के लिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह नीति सरकारी नौकरियों और आरक्षण (Reservation) को कम करने की साजिश है। उनका कहना है कि मिड-डे मील (Mid-Day Meal) जैसी योजनाएं बच्चों को स्कूल लाने के लिए शुरू की गई थीं, लेकिन मर्जर से बच्चे स्कूल छोड़ सकते हैं। विपक्ष का यह भी दावा है कि प्राइवेट स्कूलों (Private Schools) पर कोई नियंत्रण नहीं है, जबकि सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है।

वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) और सरकार का दावा है कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने से बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन (Quality Education), स्मार्ट क्लासेस (Smart Classes), डिजिटल लाइब्रेरी (Digital Library) और बेहतर खेल सुविधाएं मिलेंगी। औरैया के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने भदौरा स्कूल के वायरल वीडियो पर सफाई दी कि यह स्कूल मर्जर लिस्ट में शामिल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा (Child Safety) को ध्यान में रखते हुए मैपिंग की जा रही है, और नदी, जंगल या हाईवे जैसे खतरों वाले स्कूलों को मर्ज नहीं किया जाएगा। बीएसए ने यह भी बताया कि भदौरा स्कूल में केवल 34 बच्चे हैं, और प्रस्तावित स्कूल 2-2.5 किलोमीटर की दूरी पर हैं। उन्होंने वीडियो को गलत बताते हुए शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है।

सहारनपुर में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले हजारों शिक्षकों ने मर्जर के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों का कहना है कि यह नीति उनकी पदोन्नति और नई भर्तियों (Teacher Recruitment) के अवसरों को कम करेगी। सोशल मीडिया पर भी लोग इस मुददे पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मर्जर प्रक्रिया बच्चों के समग्र विकास (Holistic Development) के लिए जरूरी है।

इस पूरे विवाद में एक बात साफ है कि ग्रामीण बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है। अब देखना होगा कि विपक्ष के इस हमले का सरकार कैसे जवाब देती है और क्या इस नीति पर पुनर्विचार (Policy Review) किया जाएगा। इस मुददे पर आपकी राय क्या है?


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