
UP NEWS TODAY |लखनऊ: मिर्जापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पर फर्जी बी.एड. डिग्री का आरोप, जांच की मांग-मिर्जापुर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह पर फर्जी बी.एड. मार्कशीट के आधार पर नौकरी हासिल करने का गंभीर आरोप लगा है। एक शिकायत में दावा किया गया है कि सिंह ने 1987 की फर्जी बी.एड. मार्कशीट (अनुक्रमांक 18576) के जरिए 1991 में जौनपुर के श्री भगवंत मान इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक की नौकरी पाई और 2010 तक वहां कार्यरत रहे। इसके बाद उसी मार्कशीट के आधार पर 2010 में बांदा में सीनियर लेक्चरर की नियुक्ति ली।
शिकायतकर्ता का कहना है कि सिंह 1987 में बी.एड. परीक्षा में फेल हो गए थे, फिर भी फर्जी मार्कशीट दिखाकर 35 साल तक नौकरी और वेतन लेते रहे, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
RTI में नहीं मिली जानकारी
जब सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज मांगे गए, तो जौनपुर के श्री भगवंत मान इंटर कॉलेज और जिला विद्यालय निरीक्षक ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। जौनपुर के जिलाधिकारी (पत्र संख्या 377(1), 24-10-2024) और लोकायुक्त उत्तर प्रदेश (पत्र संख्या 1472-2024, 08-09-2024) के निर्देशों के बावजूद सूचना नहीं दी गई।
दूसरी डिग्री का दावा
शिकायत में यह भी कहा गया कि सिंह ने 1995 में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से बी.एड. की दूसरी डिग्री ली, जिसका अनुक्रमांक 81776 है। इसके अलावा, उनकी बी.ए. और बी.एससी. मार्कशीट की लिखावट एक जैसी है और बी.एससी. मार्कशीट में “मात्र” शब्द का इस्तेमाल हुआ, जो सामान्यतः मार्कशीट में नहीं होता।
लोकहित में जांच की मांग
शिकायतकर्ता ने अपर प्रमुख सचिव, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन से मांग की है कि भूपेन्द्र नारायण सिंह की बी.एड. और अन्य डिग्रियों की गहन जांच की जाए, क्योंकि बिना सत्यापन के नियुक्ति से सरकारी नियमों का उल्लंघन हुआ है।
आरोपों पर सवाल
जिला विद्यालय निरीक्षक, जौनपुर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सिंह ने बिना उनकी सहमति के दस्तावेज देने से मना किया है। शिकायतकर्ता का दावा है कि यह फर्जीवाड़े को छिपाने की कोशिश है।
लोकहित में इस मामले की जांच और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो रही है।