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यूपी बोर्ड स्कूलों में जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति: शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी होगी डिजिटल

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यूपी बोर्ड स्कूलों में जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति: शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी होगी डिजिटल
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यूपी बोर्ड ने जुलाई 2025 से सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करने का निर्णय लिया है। जानें नई डिजिटल हाजिरी प्रणाली, इसके लाभ और 23 जून को होने वाले डेमो के बारे में।


यूपी बोर्ड स्कूलों में जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति: शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी होगी डिजिटल

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने स्कूलों में पारंपरिक हाजिरी व्यवस्था को डिजिटल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जुलाई 2025 से प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। यह कदम न केवल उपस्थिति प्रणाली को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि शिक्षण व्यवस्था की गुणवत्ता और निगरानी में भी सुधार लाएगा। Also Read This

ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली: एक नया कदम

यूपी बोर्ड ने इस डिजिटल पहल के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल के माध्यम से स्कूलों के प्रधानाचार्य प्रतिदिन शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति दर्ज करेंगे। यह प्रणाली फर्जी हाजिरी पर अंकुश लगाने, स्कूलों में नियमित पढ़ाई सुनिश्चित करने और ड्रॉपआउट दर को नियंत्रित करने में मददगार साबित होगी।

बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचें और छात्रों की पढ़ाई नियमित रूप से हो। ऑनलाइन उपस्थिति से वास्तविक डेटा उपलब्ध होगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था की निगरानी और सुधार में सहायता मिलेगी।

23 जून को होगा डेमो

इस डिजिटल उपस्थिति प्रणाली का डेमो 23 जून 2025 को आयोजित किया जाएगा। इस डेमो के दौरान स्कूलों को पोर्टल के उपयोग, डेटा प्रविष्टि और अन्य तकनीकी पहलुओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह डेमो स्कूल प्रशासकों और शिक्षकों को नई प्रणाली से परिचित कराने में मदद करेगा।

ऑनलाइन उपस्थिति के लाभ

  1. पारदर्शिता: ऑनलाइन प्रणाली से हाजिरी में किसी भी तरह की गड़बड़ी या फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।
  2. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: शिक्षकों की नियमित उपस्थिति से पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा।
  3. ड्रॉपआउट दर में कमी: छात्रों की वास्तविक उपस्थिति का डेटा उपलब्ध होने से ड्रॉपआउट दर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
  4. आसान निगरानी: बोर्ड और शिक्षा विभाग को स्कूलों की गतिविधियों की रीयल-टाइम जानकारी मिलेगी।

प्रणाली का दायरा

यह ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली यूपी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों, चाहे वे सरकारी हों, सहायता प्राप्त हों या निजी, पर लागू होगी। इससे प्रदेश भर में एक समान और पारदर्शी हाजिरी प्रणाली स्थापित होगी।

शिक्षा व्यवस्था में डिजिटल क्रांति

यूपी बोर्ड का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली न केवल प्रशासनिक कार्यों को आसान बनाएगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी योगदान देगी। यह प्रणाली शिक्षकों और छात्रों के बीच जवाबदेही को बढ़ावा देगी, जिससे उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।

आगे की राह

23 जून के डेमो के बाद, जुलाई 2025 से यह प्रणाली पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। स्कूलों को इस नई व्यवस्था के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी ताकि इसे सुचारू रूप से लागू किया जा सके।

यूपी बोर्ड की इस पहल से शिक्षा के क्षेत्र में एक नया युग शुरू होने की उम्मीद है, जहां तकनीक और पारदर्शिता मिलकर बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे।



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