
UP Basic education Inter District Transfer|उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद शिक्षक स्थानांतरण नीति 2025-26: पूरी जानकारी -उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए शिक्षकों और शिक्षिकाओं के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण (Inter-District Transfer) की नीति जारी की है। यह नीति निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 19 और 23 के तहत निर्धारित छात्र-शिक्षक अनुपात (PTR) को बनाए रखने और शिक्षकों के तर्कसंगत परिनियोजन (Rational Deployment) को सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है। यह लेख आपको इस नीति की प्रक्रिया, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, समय सारिणी और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
स्थानांतरण नीति का उद्देश्य
इस नीति का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती को पारदर्शी, निष्पक्ष और डिजिटल रूप से संचालित करना है। यह नीति न केवल शिक्षकों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को आसान बनाती है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने में भी योगदान देती है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानकों के आधार पर, यह नीति उन जनपदों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने और अतिरिक्त शिक्षकों को आवश्यकता वाले जनपदों में स्थानांतरित करने पर केंद्रित है।
स्थानांतरण नीति की मुख्य विशेषताएं
नीचे इस नीति के प्रमुख बिंदुओं को सरल भाषा में समझाया गया है:
- जिला स्तरीय समिति का गठन:
- स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए प्रत्येक जनपद में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें शामिल होंगे:
- छात्र-शिक्षक अनुपात का पालन:
- यू-डायस पोर्टल पर उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर, उन जनपदों को चिन्हित किया जाएगा जहां शिक्षकों की कमी या अधिकता है। शिक्षकों का स्थानांतरण केवल आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले जनपदों से आवश्यकता वाले जनपदों में किया जाएगा।
- सेवा संवर्ग के आधार पर स्थानांतरण:
- पात्रता:
- सभी नियमित शिक्षक और शिक्षिकाएं इस प्रक्रिया के लिए पात्र होंगी।
- स्थानांतरण के लिए न्यूनतम सेवा अवधि की बाध्यता को हटा दिया गया है, जिसका अर्थ है कि नए नियुक्त शिक्षक भी आवेदन कर सकते हैं।
- स्वैच्छिक आवेदन:
- शिक्षक स्वेच्छा से उन जनपदों का चयन कर सकते हैं जहां शिक्षकों की आवश्यकता है। ऑनलाइन पोर्टल पर कम से कम एक जनपद का विकल्प चुनना अनिवार्य होगा, अन्यथा आवेदन निरस्त हो जाएगा।
- डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया:
- स्थानांतरण प्रक्रिया राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC), उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन होगी।
- सत्यापन और विधिक कार्यवाही:
- यदि कोई शिक्षक फर्जी या कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- शपथपत्र अनिवार्य:
- स्थानांतरण के बाद शिक्षकों को शपथपत्र देना होगा कि वे स्वेच्छा से स्थानांतरित हो रहे हैं और नए जनपद में ज्येष्ठता सूची में निम्न स्थान स्वीकार करेंगे। साथ ही, वे भविष्य में ज्येष्ठता या पदोन्नति के लिए दावा नहीं करेंगे।
- पदोन्नति के लिए पात्रता:
- यदि शिक्षक ने जिस जनपद में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है, वहां उनकी मूल नियुक्ति तिथि तक पदोन्नति हो चुकी है, तो वे स्थानांतरण के लिए पात्र होंगे।
स्थानांतरण की समय सारिणी
स्थानांतरण प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए निम्नलिखित समय सारिणी निर्धारित की गई है:
क्र.सं. | कार्यवाही | तिथि |
---|---|---|
1 | यू-डायस पोर्टल पर छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर जनपदों की सूची प्रदर्शित करना | -06.06.2025 से दिनांक 07.06.2025 तक |
2 | शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन | 09.06.2025 से 12.06.2025 |
3 | ऑनलाइन आवेदन की छायाप्रति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करना | 09.06.2025 से 13.06.2025 |
4 | जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन सत्यापन और डाटा लॉक करना | 14.06.2025 |
5 | NIC द्वारा सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्थानांतरण सूची जारी करना और कार्यमुक्ति | 16.06.2025 |
स्थानांतरण प्रक्रिया के तकनीकी चरण
- वरीयता के आधार पर चयन: शिक्षकों को पोर्टल पर प्रदर्शित जनपदों में से विकल्प चुनना होगा। वरीयता जनपद में कार्यभार ग्रहण की तिथि के आधार पर तय होगी। यदि नियुक्ति तिथि समान हो, तो अधिक आयु वाले शिक्षक को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि आयु भी समान हो, तो अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में नाम के आधार पर निर्णय होगा।
- वैकेन्सी मैट्रिक्स: स्थानांतरण की संख्या वैकेन्सी मैट्रिक्स से अधिक नहीं होगी, जिससे छात्र-शिक्षक अनुपात पर असर न पड़े।
- डाटा अपडेट: स्थानांतरण के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।
शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
- आवेदन प्रक्रिया: शिक्षकों को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा और आवेदन की छायाप्रति संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी।
- पारदर्शिता: प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी होगी, जिससे किसी भी तरह की अनियमितता की संभावना कम हो।
- समय का पालन: शिक्षकों को निर्धारित समयावधि में आवेदन और सत्यापन प्रक्रिया पूरी करनी होगी, अन्यथा आवेदन निरस्त हो सकता है।
इस नीति का महत्व
यह नीति शिक्षकों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- पारदर्शिता और निष्पक्षता: डिजिटल प्रणाली के उपयोग से स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
- शिक्षा की गुणवत्ता: शिक्षकों का तर्कसंगत परिनियोजन शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा।
- लचीलापन: न्यूनतम सेवा अवधि की शर्त हटने से नए शिक्षकों को भी स्थानांतरण का अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की यह नई स्थानांतरण नीति शिक्षकों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह नीति न केवल शिक्षकों की सुविधा को ध्यान में रखती है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का प्रयास भी करती है। यदि आप एक शिक्षक हैं और इस नीति का लाभ उठाना चाहते हैं, तो समय सारिणी का पालन करें और 09 जून 2025 से आवेदन प्रक्रिया शुरू करें। अधिक जानकारी के लिए अपने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें या आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
नोट: यह लेख शासनादेश और उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। किसी भी बदलाव या अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों की जांच करें।