
ईरान और इजराइल के बीच 2025 में चल रहे युद्ध की ताजा खबरें। ऑपरेशन सिंधु के जरिए भारतीय नागरिकों की निकासी, मिसाइल हमले, और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की पूरी जानकारी।
ईरान-इजराइल युद्ध 2025: ऑपरेशन सिंधु और ताजा अपडेट
ईरान और इजराइल के बीच चल रहा युद्ध सातवें दिन और अधिक तीव्र हो गया है। दोनों देशों के प्रमुख शहरों पर मिसाइल हमले जारी हैं, जिसके परिणामस्वरूप सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों घायल हुए हैं। इस बीच, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है, जिसके तहत सैकड़ों भारतीय, खासकर छात्र, सुरक्षित भारत लाए गए हैं। इस लेख में हम युद्ध की ताजा स्थिति, भारतीय निकासी अभियान, और दोनों देशों के बीच तनाव के कारणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ईरान-इजराइल युद्ध: ताजा अपडेट
13 जून 2025 को इजराइल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले शुरू किए। इसका उद्देश्य ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को नष्ट करना था। जवाब में, ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस थ्री के तहत इजराइल पर सैकड़ों बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं। दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों का सिलसिला सातवें दिन भी जारी है।
- ईरान के हमले: ईरान ने इजराइल के चार शहरों—तेल अवीव, रिषोन लेज़ियन, रमत गण, और होलोन—पर 30 मिसाइलें दागीं। इनमें से सात मिसाइलें तेल अवीव में इजराइली स्टॉक एक्सचेंज और बी शेरवा में एक अस्पताल सहित कई ठिकानों पर गिरीं। इन हमलों में 176 लोग घायल हुए, जिनमें छह की हालत गंभीर है। अब तक इजराइल में 24 लोगों की मौत हो चुकी है।
- इजराइल के हमले: इजराइल ने ईरान के अराक हैवी वॉटर रिएक्टर और तेहरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए। इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया कि 60 लड़ाकू विमानों ने 20 से अधिक सैन्य ठिकानों को नष्ट किया। ईरान में अब तक 639 लोगों की मौत और 1,329 लोग घायल हो चुके हैं।
- नेतन्याहू का बयान: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “ईरान में अब सुप्रीम लीडर खामेनेई सहित कोई भी सुरक्षित नहीं है। हम इजराइल पर हमले की पूरी कीमत वसूलेंगे।”
- खामेनेई की चेतावनी: ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने जवाब में कहा, “ईरान सरेंडर नहीं करेगा। अगर अमेरिकी सेना ने दखल दिया, तो परिणाम गंभीर होंगे।”
ऑपरेशन सिंधु: भारतीय नागरिकों की निकासी
ईरान-इजराइल युद्ध के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। इस अभियान के तहत, विशेष रूप से छात्रों को प्राथमिकता दी जा रही है।
- पहला चरण: 17 जून 2025 को, 110 भारतीय छात्रों को उत्तरी ईरान की उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से निकाला गया। इनमें 90 कश्मीरी छात्र शामिल हैं। ये छात्र मंगलवार को आर्मेनिया पहुंचे और गुरुवार को दिल्ली लाए गए।
- स्थिति का विवरण: छात्रों ने बताया कि तेहरान में हालात बेहद खराब हैं, जहां लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं। हालांकि, उर्मिया में स्थिति अपेक्षाकृत शांत थी।
- इजराइल से निकासी: भारतीय विदेश मंत्रालय ने अब इजराइल में फंसे भारतीयों को लैंड बॉर्डर के रास्ते निकालने की योजना बनाई है। इसके लिए 24/7 कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसमें संपर्क नंबर (+972 54-7520711, +972 54-3278392) और ईमेल (cons1.telaviv@mea.gov.in) उपलब्ध हैं।
- कुल प्रभावित: ईरान में लगभग 10,000 भारतीय फंसे हैं, जिनमें 1,500 छात्र शामिल हैं। भारत सरकार ने आर्मेनिया और अन्य पड़ोसी देशों के सहयोग से निकासी प्रक्रिया को तेज किया है।
युद्ध का प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- अमेरिका की भूमिका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल का समर्थन दोहराया और ईरान को परमाणु समझौता करने की चेतावनी दी। अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में अतिरिक्त लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।
- अन्य देशों की प्रतिक्रिया: रूस और तुर्की ने इजराइली हमलों की निंदा की है, जबकि फ्रांस ने युद्धविराम की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (IAEA) ने दावा किया कि इजराइल के हमलों से ईरान की दो सेंट्रिफ्यूज प्रोडक्शन साइट्स को नुकसान पहुंचा है।
- क्षेत्रीय अस्थिरता: युद्ध के कारण मिडिल ईस्ट में उड़ानें निलंबित हैं, और इजराइल का बेन गुरियन हवाई अड्डा बंद है।
तालिका: ईरान-इजराइल युद्ध और भारतीय निकासी की स्थिति
विवरण | ईरान | इजराइल |
---|---|---|
मौत का आंकड़ा | 639 | 24 |
घायल | 1,329 | 176 (6 गंभीर) |
प्रमुख हमले | तेल अवीव, रिषोन लेज़ियन, रमत गण, होलोन पर 30 मिसाइलें | अराक हैवी वॉटर रिएक्टर, तेहरान के सैन्य ठिकाने |
भारतीय निकासी | 110 छात्र (उर्मिया) निकाले गए, 10,000 फंसे | लैंड बॉर्डर के जरिए निकासी शुरू |
ऑपरेशन | ऑपरेशन सिंधु | ऑपरेशन सिंधु (लैंड बॉर्डर) |
स्थिति | तेहरान में हालात गंभीर, उर्मिया शांत | तेल अवीव, हाइफा में हमले, सामान्य आवाजाही शुरू |
भारत की कूटनीतिक भूमिका
भारत ने इस युद्ध में तटस्थ रुख अपनाया है और दोनों देशों से शांति की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से दूतावास की हेल्पलाइन से जुड़े रहने की सलाह दी है। ऑपरेशन सिंधु भारत की मजबूत कूटनीतिक क्षमता को दर्शाता है, जो संकट के समय अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है।
निष्कर्ष
ईरान-इजराइल युद्ध ने मिडिल ईस्ट में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। भारत सरकार का ऑपरेशन सिंधु इस संकट में फंसे भारतीयों के लिए उम्मीद की किरण है। दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों और बढ़ती हिंसा के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धविराम की कोशिशों में जुटा है। इस स्थिति पर नजर रखने के लिए हमारे साथ बने रहें और अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।
नोट: यह लेख ताजा जानकारी और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। अधिक अपडेट के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय समाचार स्रोतों पर नजर रखें।

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