
Donald Trump को Tariff पर बड़ा झटका! US Court में India Pakistan ceasefire का जिक्र क्यों-डोनाल्ड ट्रंप का भारत-पाक सीजफायर पर विवादास्पद बयान: अमेरिकी कोर्ट ने टैरिफ को किया खारिज
ट्रंप प्रशासन का बड़ा दावा: टैरिफ ने भारत-पाक युद्ध रोकने में निभाई भूमिका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देते हुए दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति ने भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2019 में हुए तनाव के दौरान युद्ध रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह दावा अमेरिकी कोर्ट में ट्रंप प्रशासन द्वारा पेश किया गया, जिसके बाद से इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
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अमेरिकी कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ को किया खारिज
अमेरिका की कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए “लिबरेशन डे टैरिफ” को असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति ने आयात शुल्क लगाने में अपनी संवैधानिक शक्तियों का उल्लंघन किया है।
ट्रंप प्रशासन ने ये टैरिफ उन देशों पर लागू करने की योजना बनाई थी, जो अमेरिका को अधिक निर्यात करते हैं। इन शुल्कों को “इंटरनेशनल इमरजेंसी इकॉनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA)” के तहत उचित ठहराया गया था, जो राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान आर्थिक कदम उठाने की अनुमति देता है।हालांकि, मैनहटन की तीन जजों की बेंच ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि “कांग्रेस ने राष्ट्रपति को असीमित शक्ति नहीं दी है।”
भारत-पाक सीजफायर पर ट्रंप का दावा
ट्रंप प्रशासन ने अदालत में दावा किया कि इन टैरिफ का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि रणनीतिक था। उनके अधिकारियों ने कहा कि मई 2019 में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के दौरान ट्रंप ने हस्तक्षेप करके दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध रोकने में मदद की।
- 22 अप्रैल 2019 को पाकिस्तानी आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमला किया था।इसके जवाब में भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया कि उन्होंने टैरिफ का इस्तेमाल राजनीतिक दबाव बनाने के लिए किया, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध टला।
चीन और यूरोप पर भी लगे थे टैरिफ
- 2 अप्रैल 2019 को ट्रंप ने कई देशों पर 10% की दर से टैरिफ लगाए थे।
- चीन और यूरोपीय संघ पर सबसे अधिक शुल्क लगाए गए थे।
- हालांकि, शेयर बाजार में गिरावट के बाद कुछ टैरिफ को अस्थायी रूप से रोक दिया गया।12 मई 2019 को चीन के खिलाफ टैरिफ में 90 दिनों की छूट दी गई।
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने स्पष्ट किया कि: व्यापार नीति बनाने का अधिकार केवल अमेरिकी कांग्रेस के पास है, राष्ट्रपति के पास नहीं।
- IEEPA के तहत ट्रंप को असीमित अधिकार नहीं मिलते।
- यह मामला राष्ट्रीय आपातकाल की श्रेणी में नहीं आता।
ट्रंप प्रशासन ने की अपील की घोषणा
कोर्ट के फैसले के बाद ट्रंप प्रशासन ने तुरंत अपील करने की घोषणा की। उनका कहना है कि इस फैसले से चीन के साथ व्यापार युद्ध और भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
यह मामला अमेरिकी राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों और व्यापार नीति पर एक बड़ी बहस छेड़ता है। साथ ही, भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में ट्रंप की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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