30 की उम्र से हर माह 25,000 निवेश करें और 60 की उम्र में 12.16 करोड़ का टैक्स-फ्री रिटायरमेंट फंड बनाएं। जानें ईपीएफ और एनपीएस( EPF VS NPS)की रणनीति से टैक्स बचत और धन सृजन के आसान तरीके।
रिटायरमेंट के लिए बनाएं 12.16 करोड़ का टैक्स-फ्री फंड: ईपीएफ और एनपीएस की रणनीति
क्या आप रिटायरमेंट के समय करोड़पति बनना चाहते हैं? सही निवेश रणनीति और अनुशासन के साथ यह लक्ष्य बिल्कुल हासिल किया जा सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के जरिए आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि 30 साल में 12.16 करोड़ रुपये का टैक्स-फ्री फंड भी बना सकते हैं। यह रणनीति 14.65 लाख सालाना सैलरी वालों के लिए जीरो टैक्स का फायदा देती है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।
रमेश की कहानी: 30 साल में 3.4 करोड़ से 12.16 करोड़
मान लीजिए, रमेश की उम्र 30 साल है और उनकी मासिक सैलरी 75,000 रुपये है। वे हर महीने ईपीएफ में 12,500 रुपये (नियोक्ता के योगदान सहित) और एनपीएस में 12,500 रुपये निवेश करते हैं। ईपीएफ पर 8.25% की स्थिर ब्याज दर और एनपीएस पर 9-11% का औसत रिटर्न मानें। रमेश हर साल सैलरी बढ़ने के साथ निवेश में 8% की वृद्धि करते हैं। 60 की उम्र तक उनके पास ईपीएफ में 4.74 करोड़ और एनपीएस में 7.42 करोड़, यानी कुल 12.16 करोड़ रुपये का टैक्स-फ्री फंड होगा।
निवेश और रिटर्न का विवरण
नीचे दी गई तालिका से समझें कि यह रणनीति कैसे काम करती है:
विवरण | ईपीएफ | एनपीएस |
---|---|---|
शुरुआती मासिक निवेश | 12,500 रुपये | 12,500 रुपये |
वार्षिक रिटर्न | 8.25% | 11% |
सालाना स्टेप-अप | 8% | 8% |
निवेश अवधि | 30 वर्ष | 30 वर्ष |
30 वर्ष बाद कॉर्पस | 4.74 करोड़ रुपये | 7.42 करोड़ रुपये |
कुल टैक्स-फ्री कॉर्पस (ईपीएफ + एनपीएस): 12.16 करोड़ रुपये
(स्रोत: टैक्सबडी.कॉम, रिटर्न और टैक्स नियमों में बदलाव संभव)
कैसे काम करता है यह प्लान?
30 साल में आपको कुल 3.4 करोड़ रुपये निवेश करने होंगे, जो 4 गुना रिटर्न के साथ 12.16 करोड़ रुपये बन सकता है। यह रणनीति न केवल धन सृजन करती है, बल्कि टैक्स बचत भी सुनिश्चित करती है।
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- ईपीएफ: स्थिर और गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है। बेसिक सैलरी का 12% कर्मचारी और नियोक्ता दोनों मिलकर योगदान करते हैं। 5 साल बाद परिपक्वता राशि टैक्स-फ्री होती है। आप वीपीएफ (वॉलेंट्री प्रॉविडेंट फंड) के जरिए बेसिक सैलरी का 100% तक निवेश कर सकते हैं।
- एनपीएस: मार्केट-लिंक्ड रिटर्न देता है। आप इक्विटी, डेट या हाइब्रिड फंड चुन सकते हैं। 60 की उम्र में 60% राशि टैक्स-फ्री निकाली जा सकती है, बाकी 40% का इस्तेमाल एन्युटी खरीदने में होता है। इसकी लागत बहुत कम (0.1% एसेट मैनेजमेंट फी) है।
रिटर्न बढ़ाने की टिप्स
- वीपीएफ का उपयोग: ईपीएफ में अतिरिक्त योगदान के लिए वीपीएफ चुनें।
- एनपीएस में इक्विटी मिक्स: शुरुआती वर्षों में अधिकतम इक्विटी चुनें, रिटायरमेंट नजदीक आने पर डेट में शिफ्ट करें।
- सिस्टमेटिक विड्रॉल: रिटायरमेंट के बाद टैक्स बचाने के लिए थोड़ा-थोड़ा निकालें।
- निवेश बढ़ाएं: सैलरी बढ़ने के साथ निवेश में 8-10% की वृद्धि करें।
क्यों चुनें ईपीएफ और एनपीएस?
- टैक्स बचत: धारा 80C और 80CCD(1B) के तहत 2 लाख रुपये तक की छूट।
- स्थिरता और ग्रोथ: ईपीएफ से गारंटीड रिटर्न, एनपीएस से मार्केट-लिंक्ड ग्रोथ।
- लचीलापन: एनपीएस में एसेट मिक्स चुनने की सुविधा, ईपीएफ में आंशिक निकासी संभव।
सावधानी
- वास्तविक रिटर्न बाजार प्रदर्शन और नीतिगत बदलावों पर निर्भर करता है।
- निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. ईपीएफ और एनपीएस में निवेश कैसे शुरू करें?
ईपीएफ में नियोक्ता के माध्यम से बेसिक सैलरी का 12% स्वचालित रूप से जमा होता है। एनपीएस खाता बैंक, डाकघर या ऑनलाइन पोर्टल (जैसे taxbuddy.com) के जरिए खोल सकते हैं।
2. क्या 12.16 करोड़ रुपये पूरी तरह टैक्स-फ्री होंगे?
हां, ईपीएफ की पूरी परिपक्वता राशि और एनपीएस की 60% राशि टैक्स-फ्री है। बाकी 40% एन्युटी में निवेश होता है, जिस पर टैक्स नियम लागू हो सकते हैं।
3. क्या यह रणनीति सभी के लिए उपयुक्त है?
यह उन लोगों के लिए आदर्श है जिनकी सालाना आय 14.65 लाख तक है। अधिक आय वालों को अतिरिक्त टैक्स-सेविंग विकल्पों की जरूरत हो सकती है।
4. एनपीएस में रिटर्न की गारंटी है?
नहीं, एनपीएस के रिटर्न मार्केट-लिंक्ड हैं। ऐतिहासिक डेटा के आधार पर 9-11% रिटर्न संभव है, लेकिन यह बाजार जोखिम पर निर्भर करता है।
5. क्या मैं बीच में राशि निकाल सकता हूं?
ईपीएफ में आंशिक निकासी की सुविधा है (जैसे घर खरीदने या मेडिकल जरूरतों के लिए)। एनपीएस में 60 साल से पहले सीमित निकासी संभव है।
निष्कर्ष
ईपीएफ और एनपीएस का संयोजन रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए एक शक्तिशाली रणनीति है। 30 की उम्र से शुरू करके आप 60 की उम्र तक 12.16 करोड़ रुपये का टैक्स-फ्री फंड बना सकते हैं। सही रणनीति, नियमित निवेश और थोड़ा अनुशासन आपको वित्तीय आजादी की ओर ले जा सकता है। निवेश शुरू करने से पहले किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
नोट: यह जानकारी सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। टैक्स नियमों और रिटर्न में बदलाव संभव है।
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