UP TGT PGT EXAM LATEST NEWS|शिक्षा सेवा चयन आयोग पर लाठीचार्ज: टीजीटी-पीजीटी परीक्षा तिथि को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश

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UP TGT PGT EXAM LATEST NEWS,शिक्षा सेवा चयन आयोग पर लाठीचार्ज की खबर ने टीजीटी-पीजीटी अभ्यर्थियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। आयोग द्वारा परीक्षा तिथि घोषित न करने से अभ्यर्थी परेशान हैं। जानें ताजा अपडेट, प्रदर्शन की वजह, और भविष्य की संभावनाएं।


शिक्षा सेवा चयन आयोग पर लाठीचार्ज: टीजीटी-पीजीटी परीक्षा तिथि को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPSESSB) के समक्ष हाल ही में हुए लाठीचार्ज की खबर ने लाखों टीजीटी (Trained Graduate Teacher) और पीजीटी (Post Graduate Teacher) अभ्यर्थियों के बीच आक्रोश और निराशा की लहर दौड़ा दी है। यह घटना प्रयागराज में उस समय हुई, जब अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी प्रमुख मांग थी कि टीजीटी और पीजीटी भर्ती परीक्षा 2022 की तिथि जल्द से जल्द घोषित की जाए। इस लेख में हम इस घटना के कारणों, इसके पीछे की परिस्थितियों, और अभ्यर्थियों की चिंताओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे, साथ ही यह भी देखेंगे कि आयोग की कार्यप्रणाली को लेकर क्या सवाल उठ रहे हैं।

लाठीचार्ज की घटना: क्या हुआ?

30 जून 2025 को, प्रयागराज में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों ने टीजीटी और पीजीटी परीक्षा तिथि की घोषणा को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू किया। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के अनुसार, प्रशासन ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया, जिसमें कई अभ्यर्थी, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, प्रभावित हुईं। इस घटना ने न केवल अभ्यर्थियों में आक्रोश पैदा किया, बल्कि शिक्षा सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।

टीजीटी-पीजीटी परीक्षा तिथि: अनिश्चितता का माहौल

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने टीजीटी और पीजीटी के 4163 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जुलाई 2022 में शुरू की थी, जिसमें टीजीटी के 3539 और पीजीटी के 624 पद शामिल थे। इन पदों के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी परीक्षा की तारीख घोषित नहीं की गई है।

आयोग ने कई बार परीक्षा तिथियों की घोषणा की, लेकिन हर बार इन्हें स्थगित कर दिया गया। उदाहरण के लिए, टीजीटी परीक्षा पहले 14 और 15 मई 2025 को निर्धारित थी, जिसे बाद में 21 और 22 जुलाई 2025 तक स्थगित कर दिया गया। इसी तरह, पीजीटी परीक्षा 18 और 19 जून 2025 को प्रस्तावित थी, लेकिन अब इसे अगस्त 2025 के अंतिम सप्ताह में आयोजित करने की बात कही जा रही है।

इस बार-बार के स्थगन ने अभ्यर्थियों में भारी निराशा पैदा की है। कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर आयोग को “परीक्षा रोको आयोग” तक कहना शुरू कर दिया है, क्योंकि उनकी नजर में आयोग भर्ती प्रक्रिया को जानबूझकर लटका रहा है।

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अभ्यर्थियों की मांगें और प्रदर्शन की वजह

टीजीटी और पीजीटी अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. परीक्षा तिथि की शीघ्र घोषणा: अभ्यर्थी चाहते हैं कि आयोग बिना किसी और देरी के परीक्षा की निश्चित तारीख घोषित करे, ताकि वे अपनी तैयारी को अंतिम रूप दे सकें।
  2. पारदर्शिता: अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए और किसी भी तरह की धांधली से बचना चाहिए।
  3. पर्याप्त समय: कई अभ्यर्थियों ने मांग की है कि परीक्षा की तारीख घोषित होने के बाद उन्हें कम से कम तीन महीने का समय दिया जाए, ताकि वे अच्छी तरह से तैयारी कर सकें।
  4. आयोग की जवाबदेही: अभ्यर्थी यह भी चाहते हैं कि आयोग अपनी कार्यप्रणाली को सुधारे और नियमित अपडेट प्रदान करे।

प्रतियोगी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष विक्की खान ने आयोग से मांग की है कि टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तारीख जल्द से जल्द घोषित की जाए, ताकि अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय मिल सके।

आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। पहले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के कार्यों को संभालने के लिए यह नया आयोग बनाया गया था, लेकिन इसकी कार्यक्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।

सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों ने आयोग की अध्यक्ष कीर्ति पाण्डेय पर भी निशाना साधा है। कुछ अभ्यर्थियों ने तो उनके इस्तीफे की मांग तक कर दी है, यह कहते हुए कि आयोग तीन साल में केवल असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा ही आयोजित कर पाया है।

इसके अलावा, आयोग द्वारा बार-बार तिथि बदलने और स्पष्ट सूचना न देने की वजह से अभ्यर्थियों का भरोसा टूट रहा है। कई अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप लगाया है कि नए आयोग के गठन में देरी और पुराने नियमों को अपडेट न करने की वजह से भर्ती प्रक्रिया में बाधा आ रही है।

लाठीचार्ज का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं

लाठीचार्ज की घटना ने अभ्यर्थियों के बीच गुस्से को और बढ़ा दिया है। कई अभ्यर्थी अब बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #TGT, #PGT, और #शिक्षासेवाचयन_आयोग जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां अभ्यर्थी अपनी मांगों को जोर-शोर से उठा रहे हैं।

आयोग ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा है कि परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के बाद ही टीजीटी और पीजीटी परीक्षा की तारीख घोषित की जाएगी। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से परीक्षा केंद्रों की सूची मांगी गई है। हालांकि, अभ्यर्थियों का कहना है कि इस तरह की देरी उनकी भविष्य की योजनाओं को प्रभावित कर रही है।

अभ्यर्थियों के लिए सुझाव

यदि आप टीजीटी या पीजीटी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो निम्नलिखित सुझाव आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं:

  1. नियमित अपडेट्स की जांच: आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.upessc.up.gov.in पर नियमित रूप से अपडेट्स चेक करें। सोशल मीडिया पर वायरल खबरों पर भरोसा करने से बचें, क्योंकि कई बार ये भ्रामक हो सकती हैं।
  2. तैयारी जारी रखें: अनिश्चितता के बावजूद अपनी पढ़ाई को जारी रखें। पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र और मॉक टेस्ट हल करें।
  3. सामूहिक मंचों से जुड़ें: अभ्यर्थी समूहों और टेलीग्राम चैनलों से जुड़कर नवीनतम अपडेट्स और अध्ययन सामग्री प्राप्त करें।
  4. धैर्य बनाए रखें: आयोग की कार्यप्रणाली में देरी निराशाजनक हो सकती है, लेकिन धैर्य के साथ अपनी तैयारी पर ध्यान दें।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर लाठीचार्ज की घटना ने एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर किया है। टीजीटी और पीजीटी परीक्षा तिथि को लेकर अनिश्चितता ने लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य को अधर में लटका दिया है। आयोग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द परीक्षा तिथि घोषित करे और अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से भर्ती प्रक्रिया को पूरा करे।

अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वे आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें और अपनी तैयारी में कोई कमी न आने दें। यदि आपके पास इस विषय से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है, तो नीचे कमेंट करें। हम आपके लिए नवीनतम अपडेट्स लाते रहेंगे।


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