Cricketer Rinku Singh News-स्वतंत्र देव सिंह और रिंकू सिंह: सोशल मीडिया पर वायरल खबरों का सच

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cricketer Rinku Singh news-स्वतंत्र देव सिंह और रिंकू सिंह: सोशल मीडिया पर वायरल खबरों का सच- उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का पत्रकारों से भिड़ने वाला वीडियो और क्रिकेटर रिंकू सिंह को शिक्षा अधिकारी बनाने की खबर सोशल मीडिया पर छाई हुई है। जानिए इन दो बड़े विवादों की आसान भाषा में पूरी कहानी।



स्वतंत्र देव सिंह और रिंकू सिंह: सोशल मीडिया पर क्यों मचा है हंगामा?

उत्तर प्रदेश की दो खबरें इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। पहली खबर है जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के वायरल वीडियो की, जिसमें वो पत्रकारों को रोकने की बात कहते दिख रहे हैं। दूसरी खबर है क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनाने के सरकारी फैसले की। आइए, इन दोनों मामलों को आसान भाषा में समझते हैं।

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स्वतंत्र देव सिंह का वायरल वीडियो

14 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पत्रकारों से उलझते दिख रहे हैं। वीडियो में वो कहते हैं, “मीडिया को रोको।” यूपी कांग्रेस ने इस वीडियो को शेयर कर दावा किया कि बीजेपी के नेता पत्रकारों से डरते हैं, क्योंकि वो उनके भ्रष्टाचार को उजागर कर सकते हैं।

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जलशक्ति विभाग में भ्रष्टाचार है और स्वतंत्र देव सिंह जल जीवन मिशन पर सवालों से बच रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने भी तंज कसा कि मंत्री जी सवालों से डरते हैं। हालांकि, इस वीडियो का समय और जगह स्पष्ट नहीं है, और स्वतंत्र देव सिंह की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। फिर भी, ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है।

रिंकू सिंह को शिक्षा अधिकारी बनाने का बवाल

दूसरी खबर क्रिकेटर रिंकू सिंह से जुड़ी है। सरकार ने एक पत्र जारी कर कहा कि रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाया जाएगा। ये खबर वायरल होते ही लोग उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाने लगे। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि रिंकू सिंह ने सिर्फ आठवीं या नौवीं तक पढ़ाई की है।

लोगों का कहना है कि इतनी कम पढ़ाई वाले शख्स को शिक्षा अधिकारी बनाना गलत है और ये शिक्षकों का अपमान है। कुछ ने कहा कि क्रिकेटर को खेल के क्षेत्र में सम्मान देना ठीक है, लेकिन शिक्षा जैसे बड़े पद के लिए योग्यता जरूरी है। सरकार का कहना है कि ये नियुक्ति रिंकू सिंह की क्रिकेट उपलब्धियों के लिए सम्मान है। उनके साथ कुछ अन्य खिलाड़ियों को भी अलग-अलग विभागों में नौकरी दी गई है।

सोशल मीडिया पर क्या कह रहे लोग?

  • स्वतंत्र देव सिंह पर: विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी का सबूत बता रहे हैं। कुछ लोग इसे बीजेपी के खिलाफ सियासी हथियार बना रहे हैं।
  • रिंकू सिंह पर: कई लोग उनकी नियुक्ति को गलत बता रहे हैं, लेकिन कुछ उनके क्रिकेट टैलेंट की तारीफ करते हुए इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं।

आपकी राय क्या है?

ये दोनों मामले सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोर रहे हैं। क्या ये वाकई बड़े मुद्दे हैं या सिर्फ सियासी ड्रामा? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।



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