India vs Chinna NEWS -भारत ने चीन को दिया करारा झटका: चार केमिकल्स पर लगाई एंटी-डंपिंग ड्यूटी

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India vs Chinna NEWS -भारत सरकार ने चीन से आयातित चार केमिकल्स पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। जानें कौन से रसायन हैं और इसका घरेलू उद्योगों पर क्या असर होगा।


भारत ने चीन को दिया करारा झटका: चार केमिकल्स पर लगाई एंटी-डंपिंग ड्यूटी

भारत सरकार ने चीन को एक बड़ा झटका देते हुए चार प्रमुख केमिकल्स पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का ऐलान किया है। यह फैसला घरेलू कंपनियों को सस्ते आयातित रसायनों से बचाने के लिए लिया गया है, ताकि भारतीय बाजार और व्यापारियों को नुकसान न हो। इस कदम से भारतीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। आइए, इस फैसले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

किन केमिकल्स पर लगी है ड्यूटी?

भारत सरकार ने जून 2025 से चार रसायनों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लागू की है। ये रसायन हैं:

  1. पेडा (PEDA): खरपतवार नाशक, जो कृषि में इस्तेमाल होता है। इस पर 1,305.6 से 2,017.9 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क लगाया गया है। यह आयात मुख्य रूप से चीन, रूस और ताइवान से होता है।
  2. एसीटोनिट्राइल (Acetonitrile): दवा उद्योग में उपयोग होने वाला रसायन। इस पर 481 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क निर्धारित किया गया है।
  3. विटामिन-ए पामिटेट (Vitamin-A Palmitate): स्वास्थ्य और फार्मा क्षेत्र में उपयोगी। इस पर 20.87 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम तक का शुल्क लगाया गया है। यह आयात चीन, यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड से होता है।
  4. अघुलनशील सल्फर (Insoluble Sulphur): टायर उद्योग में इस्तेमाल होने वाला रसायन। इस पर 358 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का शुल्क लागू किया गया है। यह मुख्य रूप से चीन और जापान से आयात होता है।

ये शुल्क पांच साल की अवधि के लिए लागू रहेंगे, जिससे घरेलू उद्योगों को लंबी अवधि तक संरक्षण मिलेगा।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी क्या है?

जब कोई देश अपने उत्पादों को बहुत कम कीमत पर दूसरे देश में बेचता है, तो इसे डंपिंग कहते हैं। इससे उस देश के स्थानीय उद्योगों को नुकसान होता है, क्योंकि सस्ते आयातित सामान की वजह से उनकी बिक्री कम हो जाती है। डंपिंग से बाजार में कीमतें गिरती हैं, जिससे स्थानीय कंपनियों को घाटा होता है और कई बार वे बंद होने के कगार पर पहुंच जाती हैं।

एंटी-डंपिंग ड्यूटी एक ऐसा शुल्क है, जो सरकार आयातित सामानों पर लगाती है ताकि सस्ते आयात को रोका जा सके और स्थानीय उद्योगों को संरक्षण मिले। भारत का यह कदम घरेलू व्यापारियों और अर्थव्यवस्था के हित में उठाया गया है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

चीन भारत को एक बड़ी मार्केट मानता है और अपने उत्पादों को सस्ते दामों पर यहां बेचता है। इससे भारतीय व्यापारियों को नुकसान होता है और उनकी प्रतिस्पर्धा कमजोर पड़ती है। खासकर रसायन उद्योग में चीन का दबदबा रहा है। भारत सरकार ने इस स्थिति को बदलने के लिए यह कदम उठाया है।

  • घरेलू उद्योगों को संरक्षण: सस्ते आयात से भारतीय कंपनियों की बिक्री पर असर पड़ता है। इस ड्यूटी से उन्हें राहत मिलेगी।
  • निष्पक्ष व्यापार: डंपिंग से बाजार में असमानता पैदा होती है। यह शुल्क निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देगा।
  • आर्थिक मजबूती: स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का लक्ष्य है।

इसका असर क्या होगा?

  1. भारतीय कंपनियों को फायदा: रसायन उद्योग से जुड़ी भारतीय कंपनियां अब ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो सकेंगी। इससे उनकी बिक्री और मुनाफा बढ़ेगा।
  2. चीन पर दबाव: चीन के सस्ते आयात पर रोक लगने से उसकी भारत में मार्केट हिस्सेदारी कम हो सकती है।
  3. उपभोक्ताओं पर प्रभाव: कुछ रसायनों की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन यह घरेलू उद्योगों के लिए जरूरी है।
  4. अन्य देशों पर भी नजर: भारत ने न केवल चीन, बल्कि रूस, ताइवान, जापान, यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड से आयातित रसायनों पर भी शुल्क लगाया है, जिससे वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

सरकार का रुख

भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी। हाल के वर्षों में भारत ने चीन से आयातित कई उत्पादों पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाई है, जैसे कि एल्यूमिनियम फॉयल, प्रीटिलाक्लोर और अन्य रसायन। यह कदम भारत की आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी निर्भरता कम करना है।

News Update Today

भारत सरकार का चार केमिकल्स पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला एक साहसिक और रणनीतिक कदम है। यह न केवल घरेलू रसायन उद्योग को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक व्यापार में और सशक्त बनाएगा। इस फैसले से भारतीय व्यापारियों को राहत मिलेगी और सस्ते आयात के दबाव से मुक्ति मिलेगी।

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