UP SCHOOL Closed News|प्राथमिक विद्यालय मर्जर के खिलाफ बघौला ग्राम पंचायत का आग्रह: शिक्षा को बचाने की पुकार

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प्राथमिक विद्यालय मर्जर के खिलाफ बघौला ग्राम पंचायत का आग्रह: शिक्षा को बचाने की पुकार
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UP School Closed News -बघौला ग्राम पंचायत, विकासखंड सलोन, जनपद रायबरेली, उत्तर प्रदेश, में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम प्रधान नीलम मौर्या ने माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को 19 जून 2025 को एक पत्र लिखकर ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर के फैसले पर चिंता जताई है। यह पत्र बघौला विकास मंच और ग्रामवासियों की भावनाओं को दर्शाता है, जो अपने बच्चों के शैक्षिक भविष्य को लेकर आहत हैं।

बघौला ग्राम पंचायत में वर्तमान में तीन प्राथमिक विद्यालय (प्रा.वि.) और एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय (पू.मा.वि.) संचालित हैं, जो गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं। शासन द्वारा प्रा.वि. तरकील और फरीदगढ़ के मर्जर की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत इन स्कूलों को लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित एक अन्य स्कूल में समायोजित किया जाना प्रस्तावित है। ग्रामवासियों का कहना है कि यह दूरी बच्चों, विशेषकर छोटे बच्चों, के लिए सुरक्षित और सुगम नहीं होगी।

नीलम मौर्या ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि इस मर्जर से गरीब बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं की कमी और आर्थिक तंगी के कारण बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो जाएगा, जिससे ड्रॉपआउट दर बढ़ने का खतरा है। ग्राम सभा के पंचायत सदस्यों—शातकुमार, वासुदेव, सुरेंद्र कुमार, विशाल, राममूरत, और अन्य—ने भी इस फैसले का विरोध किया है।

शिक्षा नीति और ग्रामीण चुनौतियां


राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत स्कूल मर्जर का उद्देश्य संसाधनों का बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में इस नीति के कार्यान्वयन में कई चुनौतियां हैं। बघौला जैसे गांवों में, जहां सड़कें और परिवहन सीमित हैं, मर्जर बच्चों की शिक्षा तक पहुंच को बाधित कर सकता है।

निवेदन और अपील
बघौला ग्राम पंचायत ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। ग्रामवासियों का मानना है कि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है, और इसे संरक्षित रखना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है।

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बघौला विकास मंच और ग्राम सभा की यह पुकार न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति पर विचार करने का अवसर प्रदान करती है। सरकार से अपेक्षा है कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।


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