
UP Death Gratuity Order 2025|उत्तर प्रदेश: सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के मृतक शिक्षकों के परिजनों को मिलेगा मृत्यु उपदान, योगी सरकार का बड़ा फैसला- उत्तर प्रदेश सरकार ने सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के परिजनों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शासनादेश संख्या-6/2025/443/सत्तर-6-2025-29/2003, दिनांक 23 मई 2025 के अनुसार, उन शिक्षकों के परिजनों को मृत्यु उपदान (Death Gratuity) का भुगतान किया जाएगा, जिनकी सेवाकाल में मृत्यु हो जाती है। यह फैसला शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए लिया गया है, जो योगी सरकार की संवेदनशीलता और जनकल्याणकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
मृत्यु उपदान भुगतान की पात्रता
शासनादेश के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणियों के शिक्षकों के परिजन मृत्यु उपदान के लिए पात्र होंगे:
- 58 वर्ष से पहले मृत्यु: ऐसे शिक्षक जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरा था और उनकी मृत्यु 58 वर्ष की आयु से पहले हो गई।
- 60 वर्ष का विकल्प: ऐसे शिक्षक जिन्होंने 60 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था, लेकिन विकल्प परिवर्तन की निर्धारित अवधि से पहले उनकी मृत्यु हो गई।
- 2004 के बाद के मामले: 3 फरवरी 2004 के बाद, जिन शिक्षकों ने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं चुना और उनकी मृत्यु 60 वर्ष से पहले हो गई।
- 62 वर्ष का विकल्प: ऐसे शिक्षक जिन्होंने 62 वर्ष की आयु पर सेवानिवृत्ति का विकल्प चुना था, लेकिन विकल्प परिवर्तन की अवधि से पहले उनकी मृत्यु हो गई।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि यह निर्णय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए लिया गया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासनादेश का आधार
यह निर्णय शासनादेश संख्या-2148/पन्द्रह (15)-1983-46(14)/83, दिनांक 24.12.1983, शासनादेश संख्या-294/15-83(11)-3(7)-79, दिनांक 30.03.1983, और शासनादेश संख्या-203/सत्तर-2-2004-16 (79)/99 टी.सी., दिनांक 04.02.2004 के संदर्भ में लिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज के पत्र संख्या-डिग्री पेंशन/1938/2024-25, दिनांक 14.05.2024 के आधार पर यह प्रस्ताव तैयार किया गया।
कैसे लागू होगी यह योजना?
- आधिकारिक निर्देश: उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज को इस शासनादेश के अनुपालन के लिए तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है।
- प्रमाणिकता: यह शासनादेश इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया गया है और इसकी सत्यता वेबसाइट http://shasanadesh.up.gov.in पर सत्यापित की जा सकती है।
- पारदर्शिता: शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि इस पर हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह डिजिटल रूप में जारी किया गया है। Also Read This What is the Operation Sindoor?|ऑपरेशन सिंदूर क्या-क्या कैसे हुआ?
उम्मीदवारों और परिजनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
- आवेदन प्रक्रिया: मृत्यु उपदान के लिए परिजनों को संबंधित महाविद्यालय और उच्च शिक्षा निदेशालय से संपर्क करना होगा।
- आधिकारिक वेबसाइट: नवीनतम अपडेट्स और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी के लिए http://shasanadesh.up.gov.in पर जाएं।
- समय-सीमा: परिजनों को मृत्यु की तारीख से एक वर्ष के भीतर आवेदन करना होगा, जैसा कि अन्य सरकारी योजनाओं में प्रावधान है।
योगी सरकार की संवेदनशील पहल
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, “यह निर्णय मृतक शिक्षकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ सरकार की मानवीय सोच को दर्शाता है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है,
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह शासनादेश सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों के परिजनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगा, बल्कि शिक्षकों के परिवारों को संकट के समय में सुरक्षा भी देगा। अधिक जानकारी के लिए, परिजन उच्च शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज या आधिकारिक वेबसाइट http://shasanadesh.up.gov.in से संपर्क कर सकते हैं।
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