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Kisan Credit Card| किसानों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम

Kisan Credit Card| किसानों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम

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Kisan Credit Card| किसानों के लिए वित्तीय सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदमकृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसानों का सशक्तिकरण देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।- 28 मई 2025 को मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके तहत Kisan Credit Card (KCC) की लोन सीमा को बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है। यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और उनकी कार्यशील पूंजी (working capital) की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी। इस लेख में हम इस योजना के महत्व, लाभ और प्रभाव को विस्तार से समझेंगे।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना का परिचय


किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हुई थी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध कराना था, ताकि वे अपनी खेती और उससे संबंधित गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकें। इस योजना ने किसानों को अनौपचारिक साहूकारों (informal sector) के चंगुल से मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

नया निर्णय: ₹5 लाख तक का लोन


मोदी सरकार ने हाल ही में किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन की सीमा को ₹5 लाख तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस राशि को दो भागों में बांटा गया है:

  • ₹3 लाख: फसल उत्पादन (crop production) के लिए।
  • ₹2 लाख: खेती से जुड़े अन्य कार्यों, जैसे बीज, उर्वरक (fertilizer), और वेयरहाउस किराए के लिए।

यह निर्णय किसानों को उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में और अधिक लचीलापन प्रदान करेगा।

कम ब्याज दरें और इंटरेस्ट सबवेंशन


किसान क्रेडिट कार्ड योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर लोन प्रदान करती है। योजना के तहत नॉमिनल ब्याज दर (nominal interest rate) 7% है, जिसमें 1.5% की interest subvention और 3% का prompt repayment incentive शामिल है। इसका परिणाम यह है कि प्रभावी ब्याज दर (effective interest rate) केवल 4% रह जाती है। यह कम ब्याज दर किसानों की कार्यशील पूंजी की लागत (cost of working capital) को काफी हद तक कम करती है।

पारदर्शिता और व्यापक पहुंच
इस योजना में 449 बैंक और वित्तीय संस्थान (financial institutions) शामिल हैं, जो इसे अत्यंत व्यापक और पारदर्शी बनाते हैं। एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से किसान आसानी से आवेदन कर सकते हैं और लोन प्राप्त कर सकते हैं। यह पोर्टल प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाता है, जिससे किसानों को बैंकों और सहकारी बैंकों (cooperative banks) से आसानी से वित्तीय सहायता मिलती है।

किसानों के लिए लाभ


पिछले 10 वर्षों में इस योजना ने 7.7 करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है। कुल मिलाकर, लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट किसानों को प्रदान किया गया है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह योजना न केवल छोटे और सीमांत किसानों (small and marginal farmers) को मुख्यधारा में लाने में मदद करती है, बल्कि उनके लिए एक सुगम और किफायती वित्तीय प्रक्रिया भी सुनिश्चित करती है।

डेयरी और मत्स्य पालन में विस्तार
कुछ वर्ष पहले, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान क्रेडिट कार्ड योजना को डेयरी फार्मिंग और मत्स्य पालन (fisheries) तक विस्तारित किया गया था। इस विस्तार के तहत 47 लाख डेयरी खाते और 4.68 लाख मत्स्य पालन खाते इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना: मुख्य बिंदु


नीचे दी गई तालिका में योजना के प्रमुख बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है:

बिंदुविवरण
योजना की शुरुआत1998 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में।
नया निर्णय (28 मई 2025)लोन सीमा बढ़ाकर ₹5 लाख।
लोन का विभाजन₹3 लाख: फसल उत्पादन के लिए
₹2 लाख: खेती से जुड़े अन्य कार्यों के लिए।
ब्याज दरनॉमिनल: 7%
प्रभावी: 4% (1.5% इंटरेस्ट सबवेंशन + 3% प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव)।
जुड़े संस्थान449 बैंक और वित्तीय संस्थान।
पारदर्शितासमर्पित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आसान और पारदर्शी प्रक्रिया।
लाभान्वित किसान7.7 करोड़ से अधिक किसान।
कुल क्रेडिटलगभग 10 लाख करोड़ रुपये।
विस्तारडेयरी फार्मिंग (47 लाख खाते) और मत्स्य पालन (4.68 लाख खाते)।
मुख्य लाभ– वित्तीय समावेशन
– कम लागत
– उत्पादकता में वृद्धि
– पारदर्शी प्रक्रिया।

निष्कर्ष
किसान क्रेडिट कार्ड योजना भारत के किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है। ₹5 लाख तक की बढ़ी हुई लोन सीमा और कम ब्याज दरों के साथ यह योजना किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह न केवल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है, बल्कि ग्रामीण भारत के समग्र विकास में भी योगदान देती है।

By Chandra Shekhar
By Chandra Shekharhttp://theartnews.in
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