
69000 Bharti News- उत्तर प्रदेश: 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई, अयोग्य शिक्षकों की होगी छुट्टी उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, प्रयागराज द्वारा 9 मई 2025 को जारी एक आदेश में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भर्ती प्रक्रिया में पात्रता मानकों का सख्ती से पालन हो और अनियमितताओं को दूर किया जाए।
मुख्य बिंदु:
- पात्रता की अंतिम तिथि: भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 थी। इस तिथि तक अभ्यर्थियों के पास सभी आवश्यक शैक्षिक और प्रशिक्षण योग्यताएं (जैसे BTC) होना अनिवार्य था। बाद में प्राप्त योग्यताओं को मान्य नहीं माना जाएगा।
- न्यायालय के आदेश: माननीय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों (जैसे रामशरण मौर्या, सूबेदार सिंह, देवेंद्र सिंह, अंजलि सिंह, और प्रीती जाटव से संबंधित) में स्पष्ट किया गया है कि केवल 22 दिसंबर 2018 तक योग्य अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति दी जा सकती है। अगर कोई अभ्यर्थी इस तिथि तक अयोग्य था, तो उसे नियुक्ति का bh नहीं मिलेगा, भले ही बाद में उसने योग्यता हासिल कर ली हो।
- नकारात्मक समानता का सिद्धांत: न्यायालय ने यह भी कहा है कि अगर कुछ अयोग्य अभ्यर्थियों को गलती से नियुक्ति दी गई, तो इसका यह मतलब नहीं कि अन्य अयोग्य अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति दी जाए। गलत नियुक्तियों को आधार बनाकर समानता का दावा नहीं किया जा सकता।
- निर्देश:
- सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे उन अभ्यर्थियों की सेवाएं तत्काल समाप्त करें, जिनके पास 22 दिसंबर 2018 तक आवश्यक योग्यताएं नहीं थीं।
- इसके साथ ही, ऐसी अनियमित नियुक्तियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों और चयन समिति के सदस्यों का विवरण एक सप्ताह के भीतर परिषद को भेजने का निर्देश दिया गया है।
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के कार्यकाल का वर्षवार विवरण भी मांगा गया है।
- पृष्ठभूमि: यह भर्ती प्रक्रिया 1 दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी, जिसमें तीन चरणों में 31,277, 36,590 और 6,696 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इस प्रक्रिया में कई शासनादेशों और नियमों का पालन किया गया, जिसमें आरक्षण नियम भी शामिल हैं।

69000 Bharti News |उत्तर प्रदेश: 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई, अयोग्य शिक्षकों की होगी छुट्टी
प्रयागराज, 19 मई 2025: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है। परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी द्वारा 9 मई 2025 को जारी एक आदेश में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उन शिक्षकों की सेवाएं तत्काल समाप्त करें, जिनके पास आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 तक आवश्यक शैक्षिक योग्यताएं (जैसे बीटीसी) नहीं थीं।
न्यायालय के आदेशों का आधार:
यह निर्णय माननीय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के कई फैसलों के आधार पर लिया गया है। इन फैसलों में स्पष्ट किया गया है कि भर्ती के लिए पात्रता की जांच आवेदन की अंतिम तिथि (22 दिसंबर 2018) के आधार पर होगी। बाद में प्राप्त योग्यताओं को मान्य नहीं माना जाएगा। साथ ही, यदि कुछ अयोग्य अभ्यर्थियों को गलती से नियुक्ति दी गई, तो इसे आधार बनाकर अन्य अयोग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी जा सकती।
क्या है 69000 भर्ती प्रक्रिया?
यह भर्ती प्रक्रिया दिसंबर 2018 में शुरू हुई थी, जिसमें 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए तीन चरणों में 31,277, 36,590 और 6,696 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इस प्रक्रिया में कई शासनादेशों और आरक्षण नियमों का पालन किया गया।
अधिकारियों पर भी कार्रवाई का निर्देश:
परिषद ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे उन अधिकारियों और चयन समिति के सदस्यों का विवरण एक सप्ताह में उपलब्ध कराएं, जो ऐसी अनियमित नियुक्तियों के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के कार्यकाल का वर्षवार ब्योरा भी मांगा गया है।
क्या होगा प्रभाव?
इस आदेश से उन शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है, जिन्होंने 22 दिसंबर 2018 तक आवश्यक योग्यताएं पूरी नहीं की थीं। साथ ही, यह कदम भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आगे की राह:
यह आदेश उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ियों को दूर करने में मदद मिलेगी, बल्कि योग्य शिक्षकों को अवसर प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी।