
UP NEWS LIVE -69,000 शिक्षक भर्ती में OBC और SC अभ्यर्थियों को कम आरक्षण का मुद्दा गर्माया हुआ है। अखिलेश यादव ने OBC अभ्यर्थियों से मुलाकात कर योगी सरकार पर निशाना साधा। 2027 के चुनाव में यह मुद्दा बड़ा बन सकता है। जानिए अखिलेश का प्लान और कैसे सुलझ सकता है यह विवाद।
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69,000 शिक्षक भर्ती: अखिलेश यादव का OBC अभ्यर्थियों के साथ बड़ा वादा, 2027 में क्या होगा बदलाव?
उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला लंबे समय से चर्चा में है। इस भर्ती में OBC और SC अभ्यर्थियों को मिले कम आरक्षण को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है और OBC अभ्यर्थियों के साथ मुलाकात कर उनके हक की लड़ाई का वादा किया है। क्या यह मुद्दा 2027 के विधानसभा चुनाव में योगी सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करेगा? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
क्या है 69,000 शिक्षक भर्ती का विवाद?
2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। लेकिन अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि इस भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ। OBC अभ्यर्थियों को 27% के बजाय केवल 3.86% और SC अभ्यर्थियों को 21% के बजाय 16.2% आरक्षण मिला। इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने भी इस बात की पुष्टि की और सरकार को तीन महीने में नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया। लेकिन योगी सरकार ने इस आदेश को लागू नहीं किया, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और जानबूझकर पैरवी में ढिलाई बरत रही है। OBC और SC अभ्यर्थी लंबे समय से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने की OBC अभ्यर्थियों से मुलाकात
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में OBC अभ्यर्थियों से मुलाकात की और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने योगी सरकार पर आरक्षण के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर उनकी सरकार 2027 में सत्ता में आती है, तो यह मुद्दा उनकी प्राथमिकता होगा। अखिलेश ने कहा, “हम नई मेरिट लिस्ट पर नजर रखेंगे ताकि किसी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो।”
अखिलेश का 2027 के लिए प्लान
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने इस मामले को हल करने का पूरा खाका तैयार कर लिया है। उनका कहना है कि यह मामला चुटकियों में सुलझ सकता है। अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर सरकार यह कहेगी कि सभी प्रभावित अभ्यर्थियों को बिना किसी की नौकरी छीने अकोमोडेट किया जाएगा। अखिलेश का दावा है कि शिक्षा विभाग में 57,000 से ज्यादा रिक्तियां हैं, जिनका इस्तेमाल इस विवाद को सुलझाने के लिए किया जा सकता है।
इसके जरिए अखिलेश न सिर्फ OBC और SC अभ्यर्थियों को उनका हक दिलाने की बात कर रहे हैं, बल्कि यह भी दिखाना चाहते हैं कि योगी सरकार जानबूझकर इस मुद्दे को लटका रही है। उनका मानना है कि यह मुद्दा 2027 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा हथियार बनेगा।
योगी सरकार पर क्यों उठ रहे सवाल?
योगी सरकार पर आरोप है कि वह इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद नई मेरिट लिस्ट नहीं बनाई गई। इसके अलावा, सरकार ने 1,93,000 शिक्षक भर्तियों का ऐलान किया था, लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार के पास रिक्तियां हैं, फिर भी भर्ती प्रक्रिया को टाला जा रहा है।
बीजेपी के अपने सहयोगी दलों, जैसे अनुप्रिया पटेल और केशव प्रसाद मौर्य, ने भी इस मुद्दे पर सरकार से सवाल उठाए हैं। इससे साफ है कि यह मामला बीजेपी के लिए सियासी तौर पर नुकसानदायक साबित हो सकता है।
2027 में क्या होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 69,000 शिक्षक भर्ती का मुद्दा 2027 के विधानसभा चुनाव में बड़ा सियासी हथियार बनेगा। अखिलेश यादव इस मुद्दे को OBC और दलित वोट बैंक को साधने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। उनकी PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) रणनीति पहले ही 2024 के लोकसभा चुनाव में सफल रही थी। अगर अखिलेश इस मुद्दे को हल करते हैं, तो यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका होगा और देश भर में यह संदेश जाएगा कि बीजेपी आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
69,000 शिक्षक भर्ती का मामला न सिर्फ OBC और SC अभ्यर्थियों के हक की लड़ाई है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की सियासत में भी बड़ा मुद्दा बन चुका है। अखिलेश यादव इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमलावर हैं और 2027 में इसे बड़ा सियासी हथियार बनाने की तैयारी में हैं। अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो उनका दावा है कि यह विवाद जल्द सुलझ जाएगा। दूसरी ओर, योगी सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह इस मामले को जल्द हल करे।
क्या यह मुद्दा 2027 में यूपी की सियासत को नया रंग देगा? यह तो वक्त ही बताएगा।
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