
गोरखपुर में प्राथमिक विद्यालय मर्जर पॉलिसी 2025 की वायरल चिट्ठी की सच्चाई जानें। क्या है स्कूल मर्जर का प्रभाव, शिक्षा की गुणवत्ता पर असर, और ग्राउंड जीरो की पूरी रिपोर्ट।
गोरखपुर प्राथमिक विद्यालय मर्जर पॉलिसी 2025: वायरल चिट्ठी की सच्चाई और शिक्षा पर प्रभाव
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। 17 जून 2025 को खंड शिक्षा अधिकारी, सरदार नगर, गोरखपुर द्वारा जारी एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें प्राथमिक विद्यालय मिवा बाबू को प्राथमिक विद्यालय राउतेनिया बाबू के साथ पेयरिंग (मर्जर) करने का प्रस्ताव था। इस चिट्ठी ने शिक्षक संगठनों और विपक्षी दलों के बीच हल्की मचा दी। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह मर्जर पॉलिसी गांवों में बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करेगी? आइए, इसकी सच्चाई और शिक्षा की गुणवत्ता पर इसके प्रभाव को विस्तार से समझते हैं। Also Read This
- UP SCHOOL CLOSED NEWS TODAY|UP Primary School Merger : स्कूल मर्जर के मामले पर लखनऊ में जबरदस्त बवाल..
- DA NEWS |DA Hike News |जून 2025 उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और डीए वृद्धि: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
- UP STUDENT Online (UPMSP ) ATTENDANCE|उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद्: स्कूलों में 1 जुलाई से लागू होगी ऑनलाइन बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली
- UP TGT PGT EXAM LATEST NEWS|शिक्षा सेवा चयन आयोग पर लाठीचार्ज: टीजीटी-पीजीटी परीक्षा तिथि को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश
- NIOS 10th Result 2025: जल्द जारी होगा रिजल्ट, यहाँ से डाउनलोड करें मार्कशीट | Direct Link
वायरल चिट्ठी का पूरा मामला
17 जून 2025 को खंड शिक्षा अधिकारी, सरदार नगर ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को एक पत्र लिखा, जिसमें प्राथमिक विद्यालय मिवा बाबू को मर्ज करने की बात कही गई। चिट्ठी के अनुसार:
- प्राथमिक विद्यालय मिवा बाबू: वर्तमान में यहां 19 बच्चे नामांकित हैं, एक सहायक अध्यापक, और दो शिक्षामित्र हैं।
- प्रस्तावित मर्जर: स्कूल को ग्राम पंचायत के ही प्राथमिक विद्यालय राउतेनिया बाबू, जहां 80 बच्चे और तीन शिक्षक हैं, के साथ पेयर किया जा रहा है।
- दूरी: दोनों स्कूलों के बीच की दूरी लगभग 400-500 मीटर है, जो बच्चों के लिए पैदल तय करने योग्य है।
- सहमति: ग्राम प्रधान और अभिभावकों की सहमति से यह निर्णय लिया गया है।
यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद #VillageSchool ट्रेंड करने लगा, और लोग सरकार के इस फैसले का विरोध करने लगे। विपक्ष का कहना है कि यह नीति गांवों में शिक्षा को और दूर कर देगी, खासकर गरीब बच्चों के लिए।
ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट: मिवा बाबू स्कूल की स्थिति
हमारी टीम ने गोरखपुर के मिवा बाबू गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया। स्कूल में तैनात शिक्षक ने बताया कि मर्जर का आदेश आ चुका है, और 19 बच्चों को राउतेनिया बाबू स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। शिक्षकों ने यह भी कहा कि अभिभावकों ने इस पर आपत्ति नहीं जताई है, क्योंकि दूसरा स्कूल पास में ही है और सड़कें भी अच्छी हैं।
- दूरी और सड़कें: दोनों स्कूलों के बीच की सड़कें पक्की हैं, और 500 मीटर की दूरी पैदल तय करना बच्चों के लिए आसान है।
- शिक्षकों की स्थिति: मिवा बाबू के तीन शिक्षक (एक सहायक अध्यापक और दो शिक्षामित्र) भी राउतेनिया बाबू स्कूल में स्थानांतरित होंगे।
- खाली बिल्डिंग का उपयोग: बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार, खाली स्कूल भवन को रीडिंग कॉर्नर, खेल मैदान, या बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा।
मर्जर पॉलिसी का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि यह मर्जर पॉलिसी शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए लागू की जा रही है। गोरखपुर में लगभग 500 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जहां छात्रों की संख्या 50 से कम है। सरकार का तर्क है:
- बेहतर संसाधन: कम छात्रों वाले स्कूलों में संसाधन और शिक्षक सीमित होते हैं। मर्जर से बच्चों को स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब, और बेहतर शिक्षकों की सुविधा मिलेगी।
- शिक्षा का माहौल: अधिक बच्चों वाले स्कूलों में पढ़ाई का बेहतर माहौल बनता है, जिससे प्रतिस्पर्धा और सीखने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020: मर्जर पॉलिसी NEP के तहत छोटे बच्चों (3-6 वर्ष) के लिए बाल वाटिका और प्री-प्राइमरी शिक्षा को बढ़ावा देने का हिस्सा है।
- निपुण भारत मिशन: सरकार का लक्ष्य है कि सभी बच्चे ग्रेड-लेवल लर्निंग हासिल करें, और मर्जर से यह लक्ष्य आसान होगा।
शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव:
- संसाधनों का बेहतर उपयोग: अधिक बच्चों वाले स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लैब, और शिक्षकों की उपलब्धता बढ़ेगी।
- प्रतिस्पर्धी माहौल: बच्चों को सहपाठियों के साथ सीखने का बेहतर अवसर मिलेगा।
- शिक्षक-छात्र अनुपात: मर्जर से शिक्षकों का बेहतर आवंटन होगा, जिससे प्रत्येक बच्चे पर ध्यान देना आसान होगा।
चुनौतियां:
- दूरी की समस्या: हालांकि मिवा बाबू का मामला 500 मीटर का है, लेकिन कुछ गांवों में दूरी अधिक हो सकती है, जिससे छोटे बच्चों को परेशानी हो सकती है।
- अभिभावकों का विश्वास: गरीब परिवारों के लिए बच्चों को दूर भेजना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर सड़कें खराब हों।
- स्कूल भवनों का रखरखाव: खाली पड़े स्कूल भवनों का दुरुपयोग होने का खतरा है, अगर इन्हें समय पर विकसित नहीं किया गया।
विपक्ष और शिक्षक संगठनों का रुख
विपक्षी दलों और शिक्षक संगठनों ने मर्जर पॉलिसी का विरोध किया है। उनका कहना है:
- शिक्षा से वंचित होंगे बच्चे: ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल बंद होने से गरीब और दलित समुदाय के बच्चे शिक्षा से वंचित हो सकते हैं।
- शिक्षकों की नौकरी पर खतरा: कुछ शिक्षक संगठनों को डर है कि मर्जर से शिक्षामित्रों और अस्थायी शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
- ग्रामीण शिक्षा का पतन: विपक्ष का आरोप है कि यह नीति ग्रामीण शिक्षा को कमजोर करेगी और निजी स्कूलों को बढ़ावा देगी।
गोरखपुर में मर्जर की स्थिति
गोरखपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार, जिले में 500 स्कूलों को मर्ज करने का प्रस्ताव है। मिवा बाबू पहला स्कूल है, जिसका मर्जर शुरू हुआ है। यह प्रक्रिया पूरे उत्तर प्रदेश में चल रही है, और हर जिले में कम छात्रों वाले स्कूलों को पास के बेहतर स्कूलों के साथ जोड़ा जा रहा है।
- प्रक्रिया: मर्जर के लिए ग्राम प्रधान, अभिभावकों, और स्थानीय समुदाय की सहमति जरूरी है।
- दूरी की सीमा: मर्जर 1-1.5 किलोमीटर की परिधि में किया जा रहा है, ताकि बच्चों को परेशानी न हो।
- सुविधाएं: मर्ज किए गए स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लैब, और खेल मैदान जैसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
गोरखपुर में प्राथमिक विद्यालय मर्जर पॉलिसी 2025 को लेकर वायरल चिट्ठी ने कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन ग्राउंड जीरो की पड़ताल से पता चलता है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने की दिशा में उठाया गया है। मिवा बाबू स्कूल का मर्जर 500 मीटर की दूरी पर हुआ है, और अभिभावकों ने इसका विरोध नहीं किया। हालांकि, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि मर्जर प्रक्रिया पारदर्शी हो, दूरी कम हो, और खाली भवनों का सही उपयोग हो।
क्या यह पॉलिसी शिक्षा में क्रांति लाएगी या ग्रामीण बच्चों के लिए चुनौती बनेगी? आपकी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।
स्रोत:
- यूपी तक ग्राउंड रिपोर्ट, 19 जून 2025
- गोरखपुर बेसिक शिक्षा अधिकारी बयान, 19 जून 2025

I am blogger. I provided News by the Social media medium. All information is Given Truth in my knowledge but you checked before the follow the News. Be Happy Jay Hind By